Thursday, March 13, 2014

दिवाली के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ======



दिवाली के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें -
- पूजा के स्थान पर मोर-पंख रखने से लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है.
- तुलसी के पौधे के आगे शाम को दिया जलाने से लक्ष्मी वृद्दि में मदद मिलती है; 

पर लक्ष्मीजी को कभी तुलसीजी नहीं चढाई जाती, उनको कमल चढाया जाता है |
- आवले के उबटन से स्नान करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है
- मिट्टी के कोरे दीयों में कभी भी तेल घी नहीं डालना चाहिए। दीये 6 घंटे पानी में 

भिगोकर रखें, फिर इस्तेमाल करें। नासमझ लोग कोरे दीये में घी डालकर बिगाड़ करते हैं।
- दीपावली के दिन लौंग और इलाइची को जलाकर राख कर दें; उस से भगवान् और 

गुरु को तिलक करें; लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है |
- दीवाली के दिनों मे घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी और चावल की पावडर से ओमकार

 और स्वास्तिक बनाये। घर मे निरोगता और प्रसन्नता रहेगी|
- दीपावली, जन्म-दिवस, और नूतन वर्ष के दिन, प्रयत्न-पूर्वक सत्संग सुनना चाहिए |
- दीपावली की रात का जप हज़ार गुना फल-दाई होता है; ४ महा-रात्रियाँ हैं - दिवाली,

 शिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी - यह सिद्ध रात्रियाँ हैं, इन रात्रियों का अधिक से अधिक जप

 कर के लाभ लेना चाहिए |
- दीपावली के अगले दिन , नूतन वर्ष होता है, उस दिन, सुबह उठ कर थोडी देर शांत बैठ

 जाएँ; फिर, अपने दोनों हाथों को देख कर यह प्रार्थना करें:
कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर-मध्ये च सरस्वती,
कर-मूले तू गोविन्दः, प्रभाते कर दर्शनं ||
अर्थात, मेरे हाथों के अग्र भाग में लक्ष्मी जी का वास है, मेरे हाथों के मध्य भाग में सरस्वती जी हैं; 

मेरे हाथों के मूल में गोविन्द हैं, इस भाव से अपने दोनों हाथों के दर्शन करता हूँ...
फिर, जो नथुना चलता हो, वही पैर धरती पर पहले रखें; दाँया चलता हो, तो ३ कदम आगे बढायें,

 दांए पैर से ही | बाँया चलता हो, तो ४ कदम आगे बढायें, बाँए पैर से ही |
- नूतन वर्ष के दिन जो व्यक्ति हर्ष और आनंद से बिताता है, उसका पूरा वर्ष हर्ष और आनंद से जाता है।
- वर्ष के प्रथम दिन आसोपाल (अशोक के पत्ते ) के और नीम के पत्तों का तोरण लगायें और 

वहां से गुजरें तो वर्षभर खुशहाली और निरोगता रहेगी
- दीपावली के दिन रात भर घी का दिया जले सूर्योदय तक, तो बड़ा शुभ माना जाता है |
- दिवाली की रात को चाँदी की छोटी कटोरी या दिए में कपूर जलने से दैहिक दैविक और 

भौतिक कष्टों से मुक्ति होती है|
- हर अमावस्या को (और दिवाली को भी) पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से पितृ और 

देवता प्रसन्न होते हैं, और अच्छी आत्माएं घर में जनम लेती हैं |
- दीपावली की शाम को अशोक वृक्ष के नीचे घी का दिया जलायें, तो बहुत शुभ माना जाता है |
- दिवाली की रात गणेशजी को लक्ष्मी जी के बाएं रख कर पूजा की जाये तो कष्ट दूर होते हैं |
- दिवाली के दिनों में अपने घर के बाहर सरसों के तेल का दिया जला देना, इससे गृहलक्ष्मी बढ़ती हैं ।
- दिवाली की रात प्रसन्नतापूर्वक सोना चाहिये ।
- थोड़ी खीर कटोरी में डाल के और नारियल लेकर के घूमना और मन में "लक्ष्मी- नारायण" 

जप करना और खीर ऐसी जगह रखना जहाँ किसी का पैर ना पड़े और गायें, कौए आदि खा 

जाएँ और नारियल अपने घर के मुख्य द्वार पर फोड़ देना और इसकी प्रसादी बाँटना । इससे 

घर में आनंद और सुख -शांति रहेगी ।
- दीपावली की रात मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ १-१ दिया गेहूँ के ढेर पे जलाएं और 

कोशिश करें की दिया पूरी रात जले| आपके घर सुख समृद्धि की वृद्धि होगी|
- दिवाली के दिन अगर घर के लोग मिलकर 5-5 आहुति डालते हैं तो घर में सुख सम्पदा 

रहेगी । लक्ष्मी का निवास स्थाई रहेगा ।
- दिवाली के दिनों में चौमुखी दिया जलाकर चौराहे पर रख दिया जाए, चारों तरफ, 

वो शुभ माना जाता है ।
- नूतन वर्ष के दिन (दीपावली के अगले दिन) गाय के खुर की मिट्टी से, अथवा तुलसीजी 

की मिट्टी से तिलक करें, सुख-शान्ति में बरकत होगी|
- दिवाली के दिन सरसों के तेल का या शुध्द घी का दिया जलाकर काजल बना लें.ये काजल

 लगाने से बुरी और नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से भी रक्षा होती है और आँखों की 

बीमारियाँ समाप्त होती है। नेत्र ज्योति बढ़ती है और सभी बाधाएं दूर होती है।


शुभ लाभ -
- लक्ष्मी जी की पूजा करते समय उनके दोनों ओर शुभ- लाभ अवश्य लिखते है. इसका अर्थ है जो 

भी धन कमाया जाए वह अच्छे तरीके से कमाया हो और अच्छे कार्यों में उपयोग हो.
- लक्ष्मीजी की पूजा अकेले नहीं की जाती. इसका अर्थ है सिर्फ धन कमाना ही जीवन का उद्देश्य नहीं होता .
 उसके साथ धर्म अर्थात नारायण हो. गणेश जी अर्थात सद्बुद्धि हो और सरस्वतीजी यानी विद्या का भी साथ हो. 
तभी यह धन कल्याणकारी होता है अन्यथा पतन के मार्ग पर ले जाता है.
- जो धन सदुपयोग में लगता है वहीँ सुलक्ष्मी है.
- धन कमाने के लिए विद्या और उद्यमिता दोनों आवश्यक है.
- धर्म, विद्या और सद्बुद्धि के साथ वह धन स्थाई होता है.
- लक्ष्मीजी हमेशा कमलासीन होती है , उन्हें कमल पुष्प प्रिय है. इसका अर्थ है विपरीत परिस्थितियों यानी कीचड
 में भी जो खिला रहे और जिस प्रकार पानी में रह कर भी कमल के पुष्प पर पानी की बूंदे ठहर नहीं पाती वैसे ही हम
 भी जीवन के सुख दुःख से प्रभावित ना हो - ऐसा कमल हमारा जीवन बने.
- इसी के साथ आप सबके जीवन में लक्ष्मी जी शुभ -लाभ, धर्म , सद्बुद्धि और विद्या ले कर आये यहीं मंगल कामना ....
शुभ दीपावली .

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