काम में कुशल, विशेषज्ञ या पारंगत बनना तभी संभव है, जब अभ्यास के साथ-साथ उससे संबंधित भरपूर जानकारी, जिसे धर्म की भाषा में विद्या या ज्ञान कहा जाता है, रखते हैं। ऐसे लोग ही लोक व्यवहार में माहिर माने जाते हैं, जो असंभव दिखते काम को भी चुटकियों में संभव बना दे।
धार्मिक दृष्टि से ऐसे गुण, ज्ञान, कला और बुद्धि माता सरस्वती की कृपा से मिलती है। क्योंकि माता सरस्वती को विद्या, ज्ञान, संगीत, वाणी की देवी माना जाता है। इसलिए मानसिक शक्ति और बुद्धि से कामयाबी की चाहत रखने वालों को हर रोज सुबह या शुक्रवार को माता सरस्वती के साथ आदि शक्ति गायत्री की साधना बहुत प्रभावी मानी जाती है।
इसके लिए शास्त्रों में सरस्वती गायत्री के इन मंत्रों के जप का महत्व बताया गया हैं। जानते हैं सरस्वती की सामान्य पूजा के साथ जाप के इन मंत्रों को -
जानते हैं इस दिन के लिए सरस्वती की सामान्य पूजा विधि और विशेष प्रार्थना-
- सुबह स्नान के बाद सरस्वती की पूजा के लिए पवित्र आचरण और वाणी के संकल्प करें।
- पूजा में माता सरस्वती को गंध, अक्षत, सफेद और पीले फूल, सफेद चंदन, वस्त्र देवी सरस्वती को चढ़ाएं।
- देवी को भोग में खीर, दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, घी, नारियल, शक्कर व मौसमी फल भी चढ़ाएं।
- पूजा के बाद सरस्वती गायत्री के इन मंत्रों के जाप मानसिक बल और सफलता की प्रार्थना कर घी के दीप जलाकर माता सरस्वती की आरती करें -
- ऊँ सरस्वत्यै विद्महे। ब्रह्मपुत्रयै धीमहि। तन्नो देवी: प्रचोदयात्।
- ऊँ वागदैव्यै: च विद्महे। कामराजाय धीमहि। तन्नो सरस्वती: प्रचोदयात्।
Thursday, February 10, 2011
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